shweta soni

Add To collaction

चांद और मैं

बादलों में छुपा चांद, जरा बाहर निकल आया था 

मुझे देख यूं उदास, जरा सा वो मुस्कुराया था।

मुस्कुरा कर किया मुझसे, एक सवाल
इस प्यारी खुशनुमा मौसम में, क्यों हैं तू इतनी उदास।

क्या है इस उदासी कारण, क्या प्यार में हुई तुम नाकाम?

सुनकर चांद की बातें, मैं हुई थोड़ी परेशान
क्यों हर उदासी का कारण, तुमने मान लिया चाहत में मैं हुई नाकाम? 

क्या मैं खुद के लिए, नहीं हो सकती कुछ दिन गुमनाम
खुद को पाने और समझने की चाह में, आजकल हूं मैं
कुछ शांत।

रहना चाहती हूं खुद के साथ, चाहती हूं 
कुछ पल मैं खुद के लिए जिऊं।

ऐ चांद तू ज्यादा ना अपना दिमाग चला
तू बस" चंदा कि डोली में, परीयों की झोली में "

ये गाना गुनगुना और बादलों में कहीं गुम हो जा  😇

# दैनिक प्रतियोगिता "स्वैच्छिक" हेतु 

   23
11 Comments

Suryansh

07-Nov-2022 10:14 PM

बहुत ही सुंदर

Reply

Pratikhya Priyadarshini

04-Nov-2022 12:09 AM

Bahut khoob 🙏🌺💐

Reply

Palak chopra

03-Nov-2022 11:11 AM

Shandar 🌸

Reply